Monday, January 09, 2006

Zinda..

After 'Baavra Mann', come this second song that has moved me a lot. A song that I can identify with. Haven't listened to any other song in the last 4 days. Sung by 'Strings' with vocals in between by John Abraham, this song is just perfect..

ये है मेरी कहानी.. खामोश ज़िंदगानी..
सन्‍नाटा कह रहा है.. क्‍यूँ जु़ल्‍म सह रहा है..

एक दासताँ पुरानी.. तनहाई की ज़ुबानी..
हर ज़ख्म खिल रहा है.. कुछ मुझसे कह रहा है..

चुभते काँटें याँदों के.. दामन से चुनता हूँ..
गिरती दीवारों के.. आँचल में ज़िंदा हूँ..

बस ये मेरी कहानी.. बेनिशाँ निशानी..
एक दर्द बह रहा है.. कुछ मुझसे कह रहा है..

चुभते काँटें याँदों के.. दामन से चुनता हूँ..
गिरती दीवारों के.. आँचल में ज़िंदा हूँ..

बजाए प्यार की शबनम मेरे गुलिस्ता में..
बरसतें रहतें हैं हर ज़िंद मौत के साय..
स्याहिंयों से उलझ पड़तीं हैं मेरीं आँखें..
कोई नहीं, कोई भी नहीं जो बतलाए..
कितनी देर उजालों की राह देखूँगा..
कोई नहीं, है कोई भी नहीं.. ना पास ना दूर..
एक यार है.. दिल की धड़कन..
अपनी चाहत का जो ऐलान किये जाती है..
ज़िंदगी है जो जीये जाती है..
खून की बूँद पीये जाती है..
ख़्वाब काँटो से सीये जाती है..

अब ना कोई पास है.. फिर भी एहसास है..
स्याहिंयों में उलझीं पड़ीं... जीने की एक आस है..

यादों का जंगल ये दिल.. काँटों से जल-थल ये दिल..

चुभते काँटें याँदों के.. दामन से चुनता हूँ..
गिरती दीवारों के.. आँचल में ज़िंदा हूँ..

3 Comments:

At 1:24 pm, Blogger Unknown said...

hi, did u type this poem urself in hindi??
how much time did it take u?

 
At 7:04 am, Blogger Gaurav said...

Dude, Thanks for this song. I didn't know it was so good until I read the lyrics on your site.

 
At 12:19 am, Blogger Punvati said...

beautiful beautiful song... one of strings' best...

 

Post a Comment

<< Home